Tuesday, 16 May 2017
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जनता का डाक्टर: जिसने विभेद से भरे हुए समाज का इलाज भी जरुरी समझा
सुनील यादव डाक्टर शब्द का का नाम आते ही एक ऐसे प्रोफेसनल व्यक्ति का अक्स उभरता है जो खुद के लिए बना हो. चिकित्सा के क्षेत्र में चिकित्सक क...
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अरविंद यादव विभाजन धर्म को आधार बनाकर हुआ था इस विभाजन के साथ साम्प्रदायिकता का जो उभार शुरू हुआ वह स्वतंत्रता के बाद के समा...
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सुनील यादव प्रो राजेंद्र प्रसाद सिंह पर लिखने के लिए बैठा हूँ कुछ ही समझ में नहीं आ रहा है कहाँ से शुरू करूँ. जब भी इनके चिंतन और...
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सुनील यादव हिंदी आलोचना अपने आरम्भिक दौर से ही कविता केंद्रित रही है। गद्य की अन्य विधाओं के आर्वि भाव के साथ आलोचना का भी आर...